मंगलवार, 28 मई 2013

बेटा तू पढ़, मैं तुझे डॉक्टर बनाऊंगा

भास्कर न्यूज  करडा 

कोडका गांव में पांचवीं पास किसान पाताराम अपने बेटे को डॉक्टर बनाना चाहता है। खेती पर निर्भर रहने वाले पाताराम के घर की आर्थिक स्थिति कोई खास नहीं थी। ऐसे में उसके बड़े बेटे ने दसवीं तक पढ़ाई की और पिताजी के साथ खेती में हाथ बंटाने लगा। उसके बाद पास ही के गांव में किराना की दुकान लगा कुछ हद तक परिवार की गाड़ी को पटरी पर लाया। इसके बाद उसने भी अपने छोटे भाई को खूब पढ़ाने की ठान ली। पाताराम व उसके बड़े बेटे ने तेजाराम को नवोदय विद्यालय में एडमिशन दिलवाया। इधर तेजाराम ने भी अपने पिता व भाई के सपने को साकार करने के लिए जी तोड़ मेहनत की ओर सीबीएससी साइंस रिजल्ट घोषणा के साथ जिले में आठवां स्थान हासिल कर अपने लक्ष्य को साबित करते हुए कॅरिअर की पहली सीढ़ी पर झंडे गाढ़ दिए। बकौल तेजाराम उसने हाल ही में पीइटी कॉमन टेस्ट के एग्जाम भी दिया है। उसे पूरा भरोसा है कि वह बिना कोचिंग के ही इसमें सफलता हासिल कर लेगा। इधर उसके पिता व भाई का कहना है कि हम तेजा को आगे पढ़ाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। तेजा की मां अनपढ़ जरूर है पर उसे यह पता है कि उसका छोटा लाडला बेटा अपने मां बाप की ख्वाहिश को जरूर पूरी करेगा। सीबीएससी की बारहवीं साइंस की जिले की मैरिट में आठवां स्थान पर रहने वाला तेजाराम देवासी सक्सेस ट्रिप बताते हुए कहता है, डेली पढ़ाई के अलावा वह हॉस्टल के रूम में रात को अपने टीचर्स व सहपाठियों के साथ ग्रुप डिस्कशन करता था। वो लोग पढ़ाई को एंजॉय करते थे। उसी का परिणाम है कि उसे मैरिट में पोजिशन मिली। 




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