गुरुवार, 18 फ़रवरी 2010

गर्माने लगी गांवों की राजनीति


गर्माने लगी गांवों की राजनीति
करड़ा & कस्बे समेत क्षैत्र के गांवों में सरपंच चुनावों को लेकर राजनीति गर्माने लगी है। सरपंच व वार्डपंच के दावेदारों की ओर से विभिन्न स्थानों पर बैठकें आयोजित कर मान मनौव्वल कर लोगों को अपने पक्ष में करने के जतन किए जा रहे हैं। करड़ा में सरपंच पद अनुसूचित जाति वर्ग के लिए आरक्षित होने से अनुसूचित जाति से भी एक दर्जन दावेदार संरपच बनने का ख्याब देख रहे हंै। इन संभावित दावेदारों की ओर से लोगों को अपने पक्ष में करने के जतन किए जा रहे हैं। शेष & पेज 9इन दिनों जो लोग सरपंच पद की दौड़ में है उनके मिलने पर लोग सरपंच कहकर पुकार रहे हंै। पंचायतीराज चुनाव में पंचायत समिति सदस्य तथा जिला परिषद् के चुनाव के मुकाबले सरपंच व वार्डपंच का चुनाव गांवों में महत्वपूर्ण माना जाता है। कस्बे में सरपंच की सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित होने से वार्डपंच बनकर उपसरपंच बनने के लिए कस्बे में वार्डपंच का चुनाव लडऩे के लिए भी कई दावेदार आगे आ रहे हैं,जबकि पिछले चुनाव में सभी वार्डपंच निर्विरोध चुने गये थे।यहां होगा घमासान चाटवाड़ा, कोडका,करवाड़ा,दांतवाडा़ में सरपंच पद सामान्य वर्ग से होने के चलते इन सीटों पर घमासान होगा वही क्षैत्र के लोगों की नजर भी इन सीटों पर हंै।र्माने लगी गांवों की राजनीति

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