मंगलवार, 19 अप्रैल 2011

छाने लगा पानी का संकट









भास्कर न्यूज & करड़ा
गर्मी की शुरूआत के साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में पानी का संकट छाने लगा है। पीने के पानी के साथ ही ग्रामीणों के सामने पशुओं और खेती के लिए पानी की परेशानी खड़ी हो गई है। ऐसे में समय रहते पेयजल की व्यवस्था नहीं करने से समस्या और भी ज्यादा बढ़ सकती है। कस्बे सहित कोड़का, भाटीप, डीगांव, सामरानी, चाटवाड़ा, वणधर, दांतवाड़ा, खारा, कोटड़ा, करवाड़ा, लाखावास, सांवलावास व तावीदर समेत ढाणियों में बने जीएलआर महीनों से सूखे पड़े हैं। जिसके चलते इन ढाणी वालों को पेयजल के लिए दूर-दूर तक भटकना पड़ रहा है। वहीं मूक पशु भी हलक तर करने के लिए पानी की खोज में मारे-मारे फिर रहे हैं। इसके अलावा विद्यालयों में अध्ययनरत छात्रों को घर से पानी लाना पड़ रहा है। इस साल अच्छी बारिश के बावजूद वर्तमान में ताल तलैया सूख गए हैं, जिससे परेशानी और बढ़ गई है।
बैठकों में होती है गहमागहमी
ग्राम सचिवालय व्यवस्था के तहत होने वाली बैठकों में भी पानी की समस्या को लेकर गहमागहमी होती है। बैठकों के दौरान जलदायकर्मियों को भी लोगों के आक्रोश का सामना करना पड़ता है। इसके बावजूद अभी तक व्यवस्था नहीं सुधर रही है। कस्बे समेत क्षेत्र की ढाणियों में पेयजल समस्या से निबटने के लिए वर्तमान में एक मात्र सहारा टैंकरों से जलापूर्ति ही है। ऐसे में समय रहते टैंकरों से जलापूर्ति करवाई जाए तो लोगों को राहत मिल सकेगी। साथ ही जनप्रतिनिधियों को नर्मदा नहर का पानी करड़ा समेत क्षेत्र में शीघ्र ही उपलब्ध करवाने के प्रयास करने होंगे। जिससे आने वाले समय में लोगों को पेयजल समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा।

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