भास्कर न्यूज त्न करड़ा
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कस्बे के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में स्नेक बाइट इंजेक्शन उपलब्ध नहीं हैं। इस कारण ग्रामीणों को इलाज के लिए अन्य अस्पतालों में जाना पड़ रहा है। इलाज के लिए अस्पताल आने वाले ग्रामीणों को घंटों इंतजार के बाद स्टाफ की ओर से स्नेक बाइट की दवा नहीं होने का हवाला देकर भीनमाल जाने का कह दिया जाता है। इन दिनों बारिश के मौसम में विषैले जानवरों के काटने की घटना बढ़ रही है, ऐसे में समय पर इलाज नहीं मिलने से जान से भी हाथ धोना पड़ सकता है। करड़ा निवासी विषैला देवड़ा ने बताया कि शनिवार रात के समय मेरी भतीजी को विषैला जानवर काटने पर अस्पताल गया था। जहां दवा उपलब्ध नहीं होने का कहते हुए भीनमाल जाने को कहा। जिस पर हमने भीनमाल जाकर इलाज करवाया। इनका कहना है ॥स्नेक बाइट की दवा तो उपलब्ध है, लेकिन लेबोरेट्री की व्यवस्था नहीं होने से विषैले जानवर की प्रकृति का पता नहीं चलता , ऐसे में इलाज करना संभव नहीं हो पाता। - डॉ. भंवरलाल विश्नोई, चिकित्सा अधिकारी, पीएचसी करड़ा |
लोग कहते है की दोस्ती इतनी न करो की सर पे सवार हो जाये... लेकिन हम कहते है की दोस्ती इतनी करो की दुश्मन को भी आप से प्यार हो जाये
शनिवार, 10 अगस्त 2013
अस्पताल में उपलब्ध नहीं रेबीज के इंजेक्शन
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