शुक्रवार, 12 जुलाई 2013

भाटीप गांव में 3 सौ में से डेढ़ सौ घरों में बने हैं टांके

पानी की बचत को लेकर जिले के करड़ा क्षेत्र के भाटीप गांव के लोग है काफी जागरूक, अधिकतर घरों में वर्षा के पानी को सहेजने के लिए बनाए हुए है टांके, बारिश के दिनों में एकत्र करते हैं वर्षा का पानी, आप भी पानी बचाने के लिए आए आगे 
आओ पानी बचाएं 
भास्कर अभियान 
भास्कर न्यूज त्न करड़ा

बरसाती पानी की बचत के प्रति जिले करड़ा क्षेत्र के भाटीप गांव के लोग काफी जागरूक है। वर्षा के पानी को सहेजने के लिए इस गांव के लोगों से सीख ली जाए तो सालभर में काफी मात्रा में पानी की बचत की जा सकती है। करीब 300 घरों की आबादी वाले इस गांव में करीब 150 घरों में वर्षा का जल संग्रहण करने के लिए टांके बनाए हुए हैं। यहां के लोग बारिश में घरों की छतों पर गिरने वाली हर बूंद सहेजते हैं। गांव के वार्डपंच पूनमाराम कहते हैं कि इस गांव के लोग पानी की हर बूंद की कीमत समझते हैं। क्षेत्र में पीने के पानी की काफी कमी है, लोगों को पीने के पानी के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ती है। यहां पर हर मौसम में पानी की कमी रहती है। इसी समस्या के समाधान के लिए अधिकतर लोगों ने अपने घरों में भूमिगत टांके बनाए हैं। इन टांकों में बारिश का पानी एकत्र किया जाता है और फिर उसका उपयोग सालभर किया जाता है। उनका कहना है कि यदि जिले भर के सभी लोग वर्षा के दिनों में व्यर्थ होने वाले पानी को सहेजने लगे तो पानी की कोई कमी नहीं होगी। उन्होंने सभी लोगों से आह्वान किया है कि वे अपने घरों में वर्षा के व्यर्थ होने वाले पानी की एक एक बूंद बचाए ताकि पीने के पानी को लेकर कोई परेशानी नहीं हो।

इन्होंने की पानी बचाने की पहल, आप भी आए आगे : गांव के माधाराम खींचड़ का कहना है कि उन्होंने भी अब तक हुई बारिश में काफी पानी बचा लिया है। इसी प्रकार गांव के चंद्रप्रकाश खींचड़, कैलाश खीचड़, सोखाराम, हरदानराम, भाकराराम समेत करीब डेढ़ सौ घरों में लोगों ने भूमिगत टांके बनाए हैं। इन टांकों में वे घरों की छतों पर गिरने वाला पानी एकत्र करते हैं तथा साल भर पीने के उपयोग में लेते हैं। इधर जालोर शहर के वाडिया क्षेत्र में रहने वाले दी मर्चेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष जालमसिंह नरावत ने भी अपने घर में चार टांके बनाए हैं। 10-10 हजार लीटर के चार टांकों में पानी एकत्र करते हैं। नरावत का कहना है कि दो टांकों का कनेक्शन इस प्रकार किया हुआ है कि उसमें पानी ऑवरफ्लो होने पर सीधा बाहर बनाए गए टांके में एकत्र होता है। अब तक उन्होंने 10 हजार लीटर पानी की बचत की है। नरावत गांव के दिलीपसिंह ने अपने घर में अब तक वर्षा का काफी पानी एकत्र किया है।

आपने भी इस तरह की पहल की हो तो हमें बताएं

दैनिक भास्कर की ओर से समय समय पर सामाजिक सरोकार के तहत विभिन्न प्रकार के अभियान चलाए जाते हैं, अब वर्षा के जल को संग्रहित करने व वर्षा काल में व्यर्थ बहने वाले पानी को बचाने के प्रति लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से भास्कर अभियान 'आओ पानी बचाएं' चलाया जा रहा है। आप भी इस अभियान से जुड़कर अपने घरों में टांके बनाकर वर्षा के व्यर्थ बहने वाले पानी को बचाएं तथा इसके लिए दूसरे को भी प्रेरित करें। यदि आपने या आपके आस पास किसी ने वर्षा के जल को बचाने की पहल की है तो आप हमें अवश्य बताएं, हम उनकी इस पहल को अन्य लोगों तक पहुंचाकर दूसरों को भी इसके लिए प्रेरित करेंगे। इसको लेकर आप अपने सुझाव हमारे ईमेल आईडी ड्ढद्धड्डह्यद्मड्डह्म्द्भद्यह्म्ञ्चद्दद्वड्डद्बद्य.ष्शद्व और मोबाइल नंबर 9587653030 पर दे सकते हैं। 

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