सोमवार, 29 मार्च 2010

एक-एक बूंद पानी के लिए ढेरों जतन


भास्कर न्यूज़ .करडा

गर्मी की शुरुआत में ही उपखंड क्षेत्र के दूर-दराज भू-भाग में फैले विषम भौगोलिक परिस्थितियों वाले नेहड़ क्षेत्र में पेयजल के गंभीर संकट पैदा हो गए हैं। यहां के वाशिंदो के लिए लंबी दूरी तय करके पेयजल का जुगाड़ करना एक चुनौती बन गया है। गर्मी के चलते पेयजल को लेकर पशुओं की हालत सबसे खराब बनी हुई है। इतना कुछ होने के बावजूद भी क्षेत्र में अनियमति जलापूर्ति व अवैध कनेक्शनों की भरमार के चलते दुरस्त नहीं हो पा रही है जिससे क्षेत्रवासियों को मजबूरी में कच्ची बेरियों के दूषित व खारे पानी से अपना हलक तर करना पड़ रहा है।पूरे क्षेत्र में करीब १६० गांव-ढाणियां पेयजल की दृष्टिï से अभावग्रस्त हंै। विभाग की माने तो नेहड़ क्षेत्र में आंशिक रूप से पानी की सप्लाई हो रही है, किन्तु हकीकत के धरातल पर नेहड़ में पेयजल आपूर्ति का दावा बिल्कुल खोखला साबित हो रहा है। उपखंड क्षेत्र से ६० किमी तक फेले नेहड़ के अंतिम बिन्दु तक सरकारी पानी पंहुचने की बात तो कोसो दूर है, वास्तविकता यह है कि तहसील मुख्यालय से २० किमी दूर स्थित हाडेचा तक भी सुचारू जलापूर्ति नहीं हो रही है। नेहड़ क्षेत्र के दूर दराज गांवों में पानी की बेरियों पर ताले, अलसुबह उठकर पूरे परिवार के साथ पानी के लिए बेरियों की ओर कूच करना, जगह-जगह कच्ची बेरियां खोदना सहित पानी के लिए अन्य कई तरह के जतन करने पड़ रहे हंै जो गंभीर पेयजल की समस्या को अपने आप बयां कर रहे हंै। पेयजल को लेकर क्षेत्र में सरकारी स्तर पर ढीले प्रयासों के चलते वर्षों पूर्व बनी पेयजल स्कीम पर ही पूरा क्षेत्र आश्रित है जिसके बूते बड़े भू-भाग समस्या कई गुना बड़ी होने के कारण जलदाय विभाग लाचार नजर आ रहा है।

अब टेंकरों से जलापूर्ति की तैयारी :

गर्मी को देखते हुए प्रशासन ने हाल ही में टेंकरों से जलापूर्ति करने के लिए हाल ही में ३४ ग्राम पंचायतों में टेंडर करवाए हैं। १ अप्रेल से जलदाय विभाग अभावग्रस्त क्षेत्र में टेंकरों से जलापूर्ति करवाएगा।अवैध कनेक्शन कोढ़ में खाज : क्षेत्र में कार्यरत विभिन्न स्कीमों द्वारा संकटग्रस्त गांवों मे सूचारू सप्लाई नहीं होने का एक मात्र बड़ा कारण पाईप लाईनों पर हुए अवैध कनेक्शन हैं। विभागीय आंकड़ों के मुताबिक पूरे क्षेत्र में पांच हजार से अधिक अवैध कनेक्शन सरकारी लाईनों पर हंै। सुरावा से माखुपुरा आने वाली मुख्य सप्लाई पाईप लाईन पर अवैध कनेक्शनों की भरमार के चलते मांग के अनुरूप पानी नहीं पहुंच रहा है। इसके अलावा सांचौर से पालड़ी, हाड़ेचा होते हुए नेहड़ क्षेत्र को जाने वाली पाईप लाइन भी अवैध कनेक्शनों से अटी पड़ी है। दुरस्त जलापूर्ति नहीं होने का बड़ा कारण विभाग में अधिकारियों व सहायक कर्मचारियों के रिक्त पद होना एवं पर्याप्त मात्रा में बिजली नहीं मिलना भी है।कितने गांवों में पेयजल संकटयूं तो भौगोलिक रूप से पिछड़े सांचौर क्षेत्र की पिचहतर फीसदी जनसंख्या पेयजल समस्या से जूझ रही है। जानकारी के मुताबिक नेहड़ सहित क्षेत्र के करीब १६० गांव ढाणियों में भंयकर पेयजल संकट रहता है। इन गांवों में पांच सौ रूपये प्रति टेंकर के हिसाब से पानी बिकता भी है। अंतिम छोर में बसे भंवातड़ा, रिड़का, जोरादर, आकोडिय़ा, हाजीपुर, खेजडिय़ाली, सुुराचंद, सुंथड़ी, सिपाहियों की ढाणी सहित कई गांवों में गंभीर पेयजल संकट है।

क्षेत्र पेजयल की गंभीर समस्या है, इसको सुधारने के लिए बंद पड़े ट्यूबवैल को शुरू कर सरकारी लाईनों से अवैध कनेक्शन हटाए जा रहे हैं। इसके अलावा १ अप्रेल से अभावग्रस्त गांव में नीजि टेंकर के जरिए जलापूर्ति शुरू की जाएगी।

-टी डी राठी, अधिशासी अभियंता, जलदाय विभाग, सांचौर

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