बुधवार, 17 फ़रवरी 2010

बिना शिक्षक कैसे हो बच्चों की पढ़ाई


बिना शिक्षक कैसे हो बच्चों की पढ़ाई
भास्कर न्यूज & करड़ाक्षेत्र के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय कोड़का व कराड़ा में पिछले कई सालों से अध्यापकों के रिक्त पदों के चलते विद्यार्थियों की पढ़ाई पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है। शिक्षकों की कमी के कारण करड़ा व कोड़का गांव के लोग भी अपने बच्चों के भविष्य को लेकर खासे चिंतित हैं। विद्यार्थियों ने एक सप्ताह में अध्यापकों के पद नहीं भरने पर आंदोलन की चेतावनी दी है।हैरत की बात तो यह है कि इन विद्यालयों को माध्यमिक से उच्च माध्यमिक में क्रमोन्नत किए करीब पांच साल हो गए हैंै लेकिन अभी तक इन विद्यालयों में एक भी व्याख्यता की नियुक्ति नहीं की गई है, ऐसे में ग्यारवीं व बाहरवीं कक्षा के विद्यार्थियों को तृतीय श्रेणी के अध्यापक ही पढ़ा रहे हैं। शिक्षकों के अभाव में नवर्मी व दसवीं कक्षा की पढ़ाई का जिम्मा पुस्तकालय प्रभारी व शारीरिक शिक्षक के भरोसे है।कद बढ़ा शिक्षक नहींराजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय करड़ा व राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय कोड़का को ग्रमीणों की मांग पर जनप्रतिनिधियों ने क्रमोन्नत तो करवा दिया, लेकिन अभी तक व्याख्याताओं की नियुक्ति नहीं की गई है। ऐसे में शिक्षकों पर शिक्षण व्यवस्था का भार बढ़ गया है। शेष & पेज 9नहीं है कंप्यूटर शिक्षक करडा़ व कोड़का के दोनों विद्यालयों में कम्प्यूटर के शिक्षकों का अभाव हैं जिसके चलते यहां पर बिना कंप्यूटर सीखे ही विद्यार्थियों को परीक्षा देनी पड़ी।इनका कहना है'शिक्षकों की कमी के चलते पढ़ाई काफी प्रभावित हो रही है। इधर, परीक्षा भी नजदीक आ गई है। अधिकारियों को बच्चों के भविष्य का ध्यान रखते हुए अध्यापकों की नियुक्ति करवानी चाहिए।Óभंवरलाल जांगु, विद्यार्थी'विद्यालय में शिक्षकों के अभाव में हमारी पढ़ाई चौपट हो रही है जिसके चलते अच्छे अंक लाना तो दूर की बात हैे पास हो जाए तो भी अच्छा है।Óप्रकाश कुमार, विद्यार्थी'विभाग के आला अधिकारियों को विद्यार्थियों के भविष्य को लेकर सोचना चाहिए। अगर सप्ताहभर में शिक्षकों को नहीं लगाया जाता है तो मजबूरन विद्यालय के ताला लगाकर विरोध प्रदर्शन करना पड़ेगा।Óसुरेशकुमार, विद्यार्थी'शिक्षकों के अभाव में पाठ्यक्रम आधा भी नहीं हो पाया है। ऐसे में परीक्षा परिणाम पर तो प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।Óअर्जुन देवासी, विद्यार्थी ,राउमावि, करड़ा'शिक्षकों की कमी के चलते बच्चों के परीक्षा परिणाम पर बुरा प्रभाव पड़ेगा। विभाग की गलती की सजा बच्चों को भुगतनी पड़ रही है।Óशांतिलाल गुप्ता, अभिभावक, करड़ा'विद्यालय क्रमोन्नत हुए पांच साल होने को है लेकिन अभी तक विद्यालय में व्याख्याता की नियुक्ति नहीं हुई है। विभाग को बच्चों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए व्यवस्था करनी चाहिए।Óचुन्नीलाल विशनोई, अभिभावक, डीगांवसृजित पद से आधे हंै शिक्षक इन दोनों विद्यालयों में शिक्षकों के कई पद रिक्त हैं। इन विद्यालयों में सृजित पदों से आधे अध्यापक भी कार्यरत नहीं है। साथ ही दोनों विद्यालयों में एक भी व्याख्याता नहीं है। ञ्चशिक्षकों की कमी है, वही व्याख्याताओं की कमी के चलते कक्षा ग्यारवीं व बाहरवीं के छात्रों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। हम तो जैसे तैसे व्यवस्था बनाए हुए है।Óहरीराम सोनीप्रधानाचार्य, रामावि करड़ाञ्चअभी पंचायत चुनाव है जिसके चलते हम कुछ नहीं कर सकते। शिक्षक लगाना हमारे बस की बात नहीं।Óमालाराम, अतिरिक्त जिला शिक्षा अधिकारी, जालोरविद्यालयों में अध्यापकों की स्थितिराउमावि करड़ाछात्र संख्या सृजित पद पदस्थापित रिक्तपद ४६० प्रधानाचार्य -०१ ०१ शून्यव्याख्याता -०३ ०० ०३व.अध्यापक-०५ ०३ ०२इसके अलावा एक शारीरिक शिक्षक व एक पुस्तकालय प्रभारी व दो विद्यार्थी मित्र कार्यरत है।राउमावि कोड़का छात्र संख्या सृजित पद पदस्थापित रिक्त पद ४७० प्रधानाचार्य -०१ ०० ००व्याख्याता -०३ ०० ०३व.अध्यापक-०५ ०३ ०२तृतीय श्रेणी अ.०१ ०० ०१

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